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☎️14566-National Helpline against Atrocities on SC & ST

हमारे देश में सैकड़ों दशकों से चली आ रही छुआछूत और जाति प्रथा जैसी घिनौनी कुरीतियां हजार कोशिशों के बावजूद भी समाज से पूरी तरह से विलुप्त नहीं हो पाई है ऐसा भी नहीं है कि कोशिशों में कोई कमी रह गई हो समय-समय पर भारत सरकार, विभिन्न तरह की संस्थाएं और न जाने कितने लोगों ने इन कुरीतियों को खत्म करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया । 

जिसमें बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नाम सबसे पहले लिया जाता है उन्होंने जाति प्रथा की कुरीतियां को खत्म करने के लिए समाज से बहुत सी लड़ाइयां लड़ी, कई सारे कानूनों का निर्माण किया । आज के दौर में जाति प्रथा का असर कम तो हुआ है परंतु आज के विकसित समाज में कुछ कुंठित मानसिकता के लोग जाति प्रथा को कायम रखना चाहते हैं । 

कानून इस प्रकार की सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास तो कर रहा है परंतु उससे कहीं ज्यादा जरूरत है समाज के लोगों की मानसिकता को बदलना । क्योंकि जब तक समाज के लोगों की मानसिकता में परिवर्तन नहीं आएगा तब तक इस तरह की जाति भेदभाव की घटनाएं सामने आती रहेंगी ।

आए दिन हमारे देश में जाति एवं ऊंच-नीच की घटना सामने आ जाती है इन समस्याओं के तत्काल निवारण के लिए भारत सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर #14566 (14566-National Helpline against Atrocities on SC & ST) शुरू किया है । 

किसी भी तरह की जाति विवाद समस्या के निवारण हेतु तत्काल सहायता प्राप्त करने के लिए इस हेल्पलाइन नंबर का सहयोग ले सकते हैं । यहां तक की इस हेल्पलाइन नंबर पर किए गए शिकायत का स्टेटस भी पता कर सकते हैं ।

इसके कुछ महत्वपूर्ण बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए

  • इसकी शुरुआत 13 दिसंबर 2021 को हुई थी ।
  • अपनी शिकायत कभी भी किसी वक्त दर्ज करा सकते हैं यह 24x7 रहता है ।
  • हिंदी अंग्रेजी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं ।
  • आपकी शिकायत ही FIR में बदल दी जाएगी और एफ आई आर के तहत आगे का काम किया जाएगा ।
  • अपनी शिकायत दर्ज करते ही आपको एक कंप्लेंट नंबर दिया जाएगा ।
  • आपको मिले इस कंप्लेंट नंबर से शिकायत का स्टेटस भी जाना जा सकता है ।
  • शिकायत दर्ज कराने के बाद शिकायत सही पाए जाने पर एक निश्चित समय सीमा के अंदर इसका निपटारा करना होगा और आरोपी पक्ष को दंडित किया जाएगा ।
  • गंभीर स्थितियों में आरोपी को कोर्ट तक घसीटा जा सकता है और उस पर मुकदमा चलाया जा सकता है ।
  • अगर आपको शिकायत करने पर सही तरीके से कार्यवाही नहीं की जाती है तो आप अपना सुझाव भी दे सकते हैं ।

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