मंगलवार 16 2021

 


रोजाना की जिंदगी में हमारी मुलाकात बहुत सारी चीजों से होती है । हम उन चीजों को इस्तेमाल में लाते हैं और आगे बढ़ जाते हैं । उन चीजों के नामों का मतलब जानने की कोशिश ही नहीं करते है ।

 आज एक ऐसी चीज के नाम के ओरिजिन के बारे में बताने जा रहे हैं जो चीज आपके और मेरी जिंदगी का एक अटूट हिस्सा बन चुका है । मैं बात कर रहा हूं एक डाटा ट्रांसफरिंग सॉफ्टवेयर (Data Transferring Software) की । जिसे हम और आप ब्लूटूथ (Bluetooth) के नाम से जानते हैं ।

क्या आपने कभी सोचा है कि एक डाटा ट्रांसफरिंग सॉफ्टवेयर (Data Transferring Software) को ब्लूटूथ (Bluetooth) का नाम क्यों दिया गया है ?


 क्या आपने कभी सोचा है कि यह लफ्ज़ ब्लूटूथ (Bluetooth) जिसका वास्तविक मतलब निकालना बहुत कठिन हो जाता है या उसके नाम का मतलब नीला दांत हो जाता है । क्या आपने कभी सोचा है कि एक डाटा ट्रांसफरिंग सॉफ्टवेयर (Data Transferring Software) को यह नीला दांत जैसा नाम आखिर क्यों दिया गया है । तो इसलिए आज हम आपको यही बताने वाले हैं कि आखिर ब्लूटूथ का नाम ब्लूटूथ कैसे और कब पड़ा ।


ब्लूटूथ की उत्पत्ति Origin of Bluetooth



सन 1988 में मोबाइल कंपनी इरेक्शन, नोकिया, तोशीबा और इंटेल (Errection, Nokia, Toshiba, Intel) के कॉलेशन में एक ग्रुप बनाया गया । ग्रुप का मकसद वायरलेस टेक्नोलॉजी डिवेलप (Wireless Technology) करना था । 

इस ग्रुप में करीब 400 सदस्य थे और इस ग्रुप के लीडर Jim Cardach दो साल के कठिन परिश्रम के बाद Jim Cardach और उनकी टीम कामयाब हुई इस प्रकार इरेक्शन ने E-36 के नाम से पहला ब्लूटूथ वाला मोबाइल मार्केट में लांच कर दिया । सन 2000 में यह तो था ब्लूटूथ का इतिहास ।

अब जानते हैं ब्लूटूथ के बारे में कि ब्लूटूथ का नाम आखिर ब्लूटूथ क्यों पड़ा ।



ब्लूटूथ (Bluetooth) नाम दरअसल नार्वे और डेनमार्क के एक राजा हेरोल्ड ब्लूटूथ (Herold Bluetooth) के नाम पर पड़ा है। यह राजा सन 957 से 986 तक नार्वे और डेनमार्क का राजा था । नार्वे में सबसे पहला ईसाई बनने वाला राजा का नाम भी हेरोल्ड ब्लूटूथ (Herold Bluetooth) ही था ।

 हेरोल्ड ब्लूटूथ एक महान योद्धा और प्रभावशाली इंसान था, इसकी शख्सियत की वजह से Jim Cardach इससे बहुत ज्यादा प्रभावित थे । अभी आप सोच रहे होंगे कि आखिर सॉफ्टवेयर का नाम ब्लूटूथ का इस राजा से क्या लेना देना । तो इसके पीछे की इंटरेस्टिंग कहानी है ।

 Jim Cardach एक इंटरव्यू में बताते हैं कि जिस दौरान हम डाटा एक्सचेंजिंग या ट्रांसफरिंग सॉफ्टवेयर पर काम कर रहे थे उस दौरान हमें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था । साथ ही Jim Cardach उस दौरान हेराल्ड ब्लूटूथ (Herold Bluetooth) पर आधारित एक किताब पढ़ रहे थे ।

 Jim Cardach कहते हैं हेराल्ड ब्लूटूथ के बारे में पढ़कर मैं उनसे ज्यादा प्रभावित था और इसकी वजह से जब हमारा वह सॉफ्टवेयर सक्सेसफुली डिवेलप हो गया तो हमने अपने इस इन्वेंशन का नाम उसी महान राजा के नाम हेराल्ड ब्लूटूथ के नाम पर रख दिया ।

ब्लूटूथ (Bluetooth) का लोगो कैसे बना ?


Courtesy: Google

 ब्लूटूथ का लोगो भी हैरान ब्लूटूथ (Herold Bluetooth) के नाम पर ही है दरअसल ब्लूटूथ का चिन्ह रूण से बना है । ब्लूटूथ का चिन्ह रूण  (रूण एक लेटर या कैरेक्टर होता है) जो विभिन्न प्राचीन जर्मनी के लोगोंं के विशेष रूप से स्कैंडिनेवियाई और एंग्लो सैंक्शन है ।

ब्लूटूथ के चिन्ह में हेराल्ड के आरंभिक और अंतिम अक्षर H और B शामिल है । जो हेराल्ड ब्लूटूथ के नाम से लिया गया है क्यों कि हेराल्ड ब्लूटूथ  में  विभिन्न देशो को अपने शासन में एकजुट करने की क्षमता थी ।

 उसी प्रकार ब्लूटूथ भी कई सारे मोबाइल कनेक्शन को एक साथ जोड़ने की क्षमता होती है जोकि हेराल्ड ब्लूटूथ के विचार से मेल खाता है । इसलिए इनकी लोगो में भी हेराल्ड ब्लूटूथ की विचारधारा को प्रदर्शित किया गया है ।


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