पवित्र धागों का त्यौहार रक्षाबंधन-Rakshabandhan-Covid-19
इस बार बहनों के साथ खुद को भी कोरोना से बचने की कसम खानी है, सोमवार, 3 अगस्त 2020
रक्षाबंधन का त्यौहार आ रहा है इस बार रक्षाबंधन सोमवार, 3 अगस्त 2020 को मनाया जाएगा। हर तरफ बस एक सवाल है कि इस बार का राखी का त्यौहार कैसा होगा । क्योंकि कोरोना वायरस ने सारे त्यौहारों का रंग खराब कर रखा है। फिर भी राखी का त्यौहार भाई बहन का सबसे बड़ा त्यौहार होता है भला इस त्यौहार को कैसे जाने दे। त्यौहारों का लिस्ट रक्षाबंधन से शुरू हो जाता है तो यह और भी आनंददायक एवं सम्मानजनक हो जाता है।
राखी गिफ्ट के साथ एक दूसरे को अच्छे-अच्छे फेस मास्क दे सकते हैं
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जैसा कि हम सबको पता है कि इस बार राखी का त्यौहार कोरोना काल में पड़ रहा है इसलिए राखी की रस्म को पूरा करते हुए भाई-बहन एक दूसरे को उपहार के साथ फेस मास्क भी दे और एक दूसरे का ख्याल रखने की कसम खाएं । बाहर की मिठाइयों की जगह घर में बनी मिठाइयों का इस्तेमाल करें ।
शुद्ध देशी राखियां Indian Rakhi
रक्षाबंधन की सबसे बड़ी खास बात इस इस बार यह होगी कि चीन का कोई भी सामान राखी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा । अबकी बार राखी पूरी तरह से शुद्ध हिंदुस्तानी होगी। हम सबको पता है कि भारतीयों ने चीन के खिलाफ ट्रेड वॉर छेड़ रखा है किसी भी तरह हम चीनियों को सबक सिखा कर रहेंगे। क्योंकि चीनियों ने हर भारतीय के भावनाओं के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया है हमारे फौजी भाइयों को धोखे से मारा है ।
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बहुत कम लोगों को पता है कि चीन की अर्थव्यवस्था में भारत का बहुत बड़ा योगदान है । क्योंकि हम भारतीय जिससे बहुत सारा सामान आयात करते हैं जिसके बदले में चीनियों को बहुत बड़ी धनराशि चली जाती है। परंतु अब हम चीन को एक पैसे नहीं देने वाले । हमें उनके सामानों का बहिष्कार करना है और इस मुहिम को और तेज करना हैं। 59 चीनी ऐप को बंद करके हम लोगों ने चीन को बड़ी चोट दे दी है । अभी और देनी है यह तो अभी शुरूआत है ।
अब बहनें देंगी चीन को चार करोड़ का झटका
पिछले साल भारत में केवल राखी के त्यौहार में 6 हज़ार करोड़ का व्यापार हुआ था जिसमें चार हजार करोड़ का सामान चीन से आयात किया गया था जिसे राखी तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता था । इस तरह से देखा जाए तो राखी का पूरा मार्केट चीन पर निर्भर हो गया था परंतु अब और नहीं ।
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कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders) ने 10 जून 2020 से देशभर में एक मुहिम चला रखी है "भारतीय सामान हमारा अभिमान" मतलब चीन के सामानों का पूरी तरह से बहिष्कार । इस बार छोटे बड़े व्यापारियों ने एकजुटता दिखाते हुए ठान रखा है कि हम चीनी राखियों की जगह भारतीय राखी ही बेचेंगे इसके लिए देश के सभी लघु एवं कुटीर उद्योगों से संपर्क करके ऑर्डर भी दे दिए गए हैं ।
कैसे तैयार हो रही है राखियां
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Beautiful Rakhi |
कैट (Confederation Of All India Traders-CAT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतीया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार महिला उद्यमी, आंगनबाड़ी, घरों में काम करने वाली महिलाएं, कच्ची बस्ती में रहने वाली महिलाओं से राखियां बनाने के लिए कहां गया है । और राखियां बनाने का काम शुरू भी हो गया है। राखी के साथ रोली चावल का भी पैकेट बनाया जा रहा है । इस तरह राखी, रोली, चावल, मिश्री व मिठाइयों का एक सेट भी बनाया जा रहा है जो एक थाली में सजी होगी । कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में राखी सभी शहरों में पहुंचा दिया जाए।
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Happy Rakshabandhan |
अपनी कोशिश के तहत दिल्ली, नागपुर, भोपाल, ग्वालियर, सूरत, कानपुर, तिनसुकिया, गुवाहाटी, रायपुर, भुनेश्वर, कोल्हापुर, जम्मू,बंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, पुडुचेरी, अहमदाबाद, लखनऊ, वाराणसी, झांसी, इलाहाबाद आदि शहरों में राखियां बनवा कर व्यापारियों को वितरित करने का काम शुरू कर दिया गया है ।
रक्षाबंधन Vocal for Local और आत्मनिर्भर भारत
चीन के सामानों के बहिष्कार के बाद Vocal for Local के तहत लोग नई-नई खोज में लग गए हैं और कुछ लोग अपनी पारंपरिक वस्तुओं का ब्रांडिंग करके दूर मार्केट में पहुंचा रहे हैं । जिस तरह से स्थानीय वस्तुओं का महत्व लोग समझने लगे हैं उसे देखकर ऐसा लग रहा है भारत जल्द ही आत्मनिर्भर बन जाएगा ।बांस की बनी राखियां Bamboo's Rakhi
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Bamboo's Rakhi |