बुधवार 22 2020


CAA-Citizenship Amendment Acts यानी नागरिकता संशोधन कानून, भारत में एक विवादास्पद और चर्चित विषय बन गया है। इस कानून की शुरुआत दिसंबर 2019 में हुई थी, और इसने समाज में विभिन्न पक्षों को उत्तेजित किया है। इस ब्लॉग में, हम सीएए के समर्थन और विरोध की दृष्टिकोण से इस प्रस्ताव को समझने का प्रयास करेंगे।

CAA का मतलब है "नागरिकता संशोधन क़ानून" (Citizenship Amendment Act)। यह भारत सरकार द्वारा 2019 में पारित किया गया था। इस क़ानून के अनुसार, भारत में आए हुए कुछ धार्मिक समूहों के सदस्यों को नागरिकता देने में सुधार किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि भारत में आकर भाग्यशाली रहना चाहने वाले व्यक्तियों को समृद्धि और सुरक्षा के लिए साझा करना।

हालांकि, इसके पास विवादित पहलुओं के कारण कई विरोध प्रदर्शन और आपसी विवाद हुआ है, क्योंकि इसे कुछ लोग धार्मिक भेदभाव और नागरिकता परीक्षण के आधार पर देख रहे हैं।

CCA क्या है ?

नागरिकता संशोधन कानून, 2019 का पूरा नाम है "सिटिजनशिप (अमेंडमेंट) एक्ट, 2019"। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में असामंजस्यक आगमन कर रहे विशेष धर्मानुयायी जनता को नागरिकता प्रदान करना है। इस प्रस्ताव के तहत, हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के अनुयायियों को बाहर आने वाले अन्य देशों से आकर भारतीय नागरिकता प्रदान की जा सकती है।

समर्थन का पक्ष

  • राष्ट्रीय सुरक्षा: समर्थकों का मानना ​​है कि यह कानून राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देगा और आतंकवादियों को बाहर करने में मदद करेगा।
  • अनुसारी अधिकार: CAA के समर्थक यह बताते हैं कि इससे भारत में असमानता को दूर करके समाज को सशक्त किया जा सकता है, क्योंकि इसे अनुसारी अधिकार की दृष्टि से तैयार किया गया है।
  • धार्मिक अत्याचार के खिलाफ: इस प्रस्ताव के समर्थकों का यह भी कहना है कि यह धार्मिक अत्याचार के खिलाफ है और भारत में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास है।

विरोध का पक्ष

  • संविधान के खिलाफ: विरोधी पक्ष का मुख्य आरोप है कि सीएए संविधान के मौखिक भूमिका के खिलाफ है, जो धारा 14, 15 और 21 के तहत अधिकारों की सुरक्षा का आदान-प्रदान करता है।
  • धार्मिक भेदभाव: विरोधी पक्ष का दावा है कि सीएए धार्मिक भेदभाव को बढ़ा सकता है और सामाजिक एकता को कमजोर कर सकता है।
  • असमानता: इसके खिलाफ विरोध करने वाले कहते हैं कि यह असमानता को बढ़ा सकता है और अन्य अल्पसंख्यकों को असमान दृष्टिकोण से देख सकता है।


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