ट्रेन में यात्रा के दौरान साधु संत या फकीर से टीटी टिकट क्यों नहीं लेता ?
सामान्यतः हम लोग ट्रेन से सफर को सबसे सुरक्षित और महत्वपूर्ण मानते हैं । क्योंकि ट्रेन से सफर करना हर उम्र के व्यक्ति के लिए सबसे आरामदायक और कम खर्चे वाला होता है । ट्रेन का सफर गरीब से गरीब और अमीर से अमीर लोग भी बड़े आसानी से कर लेते हैं । अगर सफर के अन्य सुविधाओं की बात करें तो हवाई जहाज या बस सबके लिए अनुकूल नहीं होता । इसलिए ट्रेन को सफर के मामले में सबसे पहले वरीयता दी जाती है । Mascot Bholu क्या कभी सोचा है कि साधु-संत अथवा फकीर से किराया या टिकट क्यों नहीं लिया जाता ? क्यों बिना टिकट के पकड़े जाने पर उनको जेल या सजा नहीं होती है ? Towards railway Station तो चलिए आज हम बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि एक सामान्य व्यक्ति से टिकट या किराया लिया जाता है अगर वह नहीं देता तो उसे टीटी जेल की धमकी या सजा के धमकी देने लगता है । जबकि वहीं सीट पर बैठे साधु-संतों या फकीर से टिकट नहीं लिया जाता । साधु संतों का फकीर से टिकट न लेने के दो प्रमुख कारण है 1. पहला कारण पहला कारण यह है कि अगर टीटी साधु संत या फकीर को अवैध रूप से यात्रा करने पर पकड़ भी लेता है तो उसे वह पुलिस के हवाले कर