शुक्रवार 22 2025

भारत का शराब उद्योग आज अरबों रुपये का कारोबार करता है, लेकिन इसका सफर सैकड़ों साल पुराना है। शराब केवल एक पेय नहीं, बल्कि हमारे इतिहास, संस्कृति और अर्थव्यवस्था का भी हिस्सा रही है। आइए जानते हैं भारत में शराब उद्योग का अतीत, वर्तमान और कुछ रोचक तथ्य।

भारत में शराब का संक्षिप्त इतिहास

  • वैदिक युग (1500 ईसा पूर्व) में सोमरस और मधु का ज़िक्र मिलता है।
  • मौर्य काल (321 ईसा पूर्व) में शराब पर कर (Excise Duty) वसूली जाती थी।
  • ब्रिटिश काल (1820 के बाद) में डिस्टिलरी और ब्रेवरीज़ की आधुनिक व्यवस्था शुरू हुई।
  • स्वतंत्रता के बाद (1947) शराब उद्योग पर राज्य सरकारों का नियंत्रण बढ़ा और एक्साइज टैक्स आज भी इसका सबसे बड़ा राजस्व स्रोत है।



भारत की पहली शराब बनाने वाली कंपनी

1855 में स्थापित "मोहन मीकिन लिमिटेड" (Mohan Meakin Ltd.) को भारत की पहली संगठित शराब बनाने वाली कंपनी माना जाता है।
  • इसने शिमला में "Dyer Breweries" के नाम से काम शुरू किया और बाद में प्रसिद्ध ओल्ड मोंक रम (Old Monk Rum) लॉन्च की।
  • आज भी यह कंपनी भारतीय शराब उद्योग का एक प्रमुख नाम है।

आज भारत में कितनी कंपनियाँ शराब बनाती हैं?

  • कुल अनुमानित कंपनियाँ करीब 460 शराब निर्माण कंपनियाँ पंजीकृत हैं।
  • ये कंपनियाँ IMFL (Indian Made Foreign Liquor), बीयर और वाइन बनाती हैं।
  • मुख्य राज्य  महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश।

भारत की शीर्ष 5 शराब कंपनियाँ


1. United Spirits Limited (USL) – McDowell’s No.1, Royal Challenge
2. Radico Khaitan Limited – Magic Moments, 8 PM Whisky
3. Allied Blenders & Distillers (ABD) – Officer’s Choice Whisky
4. Pernod Ricard India – Blenders Pride, Royal Stag
5. Mohan Meakin Limited – Old Monk Rum

भारत के शराब उद्योग से जुड़े रोचक तथ्य


  • भारत का शराब बाजार लगभग 65 अरब डॉलर (Rs. 5.4 लाख करोड़) से ज्यादा का।
  • सबसे ज्यादा बिकने वाली व्हिस्की Officer’s Choice Whisky।
  • भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बीयर बाजार है।
  • किंगफिशर बीयर का ब्रांड एम्बेसडर कभी क्रिकेट टीम इंडिया रही है, क्योंकि इसका मालिकाना हक UB Group के विजय माल्या के पास था।
  • गोवा और महाराष्ट्र वाइन उत्पादन के सबसे बड़े केंद्र हैं, जबकि रम और व्हिस्की का सबसे ज्यादा उत्पादन उत्तर भारत में होता है।

भारत का शराब उद्योग सिर्फ एक व्यापार नहीं, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक बदलावों का आईना है। आज भारतीय कंपनियाँ न केवल घरेलू बाज़ार पर राज कर रही हैं, बल्कि विदेशी बाजारों में भी अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा रही हैं।

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