"छोटे गाँव की बड़ी उड़ान – बिनीता छेत्री की कहानी"

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"छोटे गाँव की बड़ी उड़ान – बिनीता छेत्री की कहानी"
“जहाँ हौसले हों बुलंद, वहाँ उम्र और जगह मायने नहीं रखती।”
छोटे-से गाँव से उठकर, दुनिया के सबसे बड़े टैलेंट मंच पर अपने देश का नाम रोशन करना... यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि असम की 9 वर्षीय बिटिया बिनीता छेत्री की सच्ची और प्रेरणादायक यात्रा है।
शुरुआत वहाँ से जहाँ सपने अक्सर रुक जाते हैं...
असम के करबी अंगलॉँग जिले के एक छोटे से गाँव अमराजन में पैदा हुई बिनीता का बचपन मिट्टी, पहाड़ियों और साधारण ज़िंदगी में बीता। लेकिन उनकी आँखों में कुछ अलग चमक थी — नृत्य की दीवानगी।
जब बच्चे खेलते थे, बिनीता घर के आँगन में घूंघट वाली गुड़ियों की तरह घूमती, नाचती और बिना किसी मंच के, अपनी ही दुनिया में स्टार बन चुकी थी।
परिवार का साथ और दृढ़ विश्वास
उनकी माँ और मौसी ने महसूस किया कि यह सिर्फ शौक नहीं, एक आग है जो उसे बहुत दूर ले जाएगी।
सपनों को पंख देने के लिए बिनीता को जयपुर भेजा गया, जहाँ उन्होंने कठोर परिश्रम और प्यार से नृत्य की ट्रेनिंग ली।
"बच्ची की आंखों में जो चमक है, वो साधारण नहीं है," उनके शिक्षक ने कहा था।
जब असम की बेटी ने ब्रिटेन को हिला दिया...
2025 में, दुनिया ने उस क्षण को देखा जब बिनीता ने Britain’s Got Talent के मंच पर कदम रखा। मंच पर न तो डर था, न ही झिझक — सिर्फ आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत की चमक।
उसने जो प्रस्तुति दी, वह सिर्फ डांस नहीं था — वह भारत की आत्मा, पूर्वोत्तर की सादगी और एक बच्ची के सपने की गूंज थी।
उसकी परफॉर्मेंस का वीडियो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया, और लाखों दिलों को छू गया।
इतिहास रचने वाला क्षण
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बिनीता Britain’s Got Talent की पहली भारतीय फिनालिस्ट बनीं।
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वह दूसरे रनर-अप रहीं, लेकिन दिलों की विजेता बन गईं।
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असम से लेकर लंदन तक, हर कोई गर्व से भरा था।
"हमने तो बेटी को सिर्फ नाचते देखा था, दुनिया ने उसमें सितारा देख लिया," उनके पिता की आँखों में आँसू और मुस्कान साथ थे।
क्यों है यह कहानी ख़ास?
बिनीता की कहानी सिर्फ नृत्य की नहीं है। यह कहानी है —
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छोटे गाँव से निकलकर दुनिया को चौंका देने की,
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सीमित संसाधनों में असीम सपने देखने की,
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और यह बताने की कि "छोटे शहरों में बड़े लोग जन्म लेते हैं।"
"एक बीज को सिर्फ धूप और पानी नहीं, भरोसा भी चाहिए होता है। बिनीता को उसका परिवार और मेहनत — दोनों ने सींचा।"
आज बिनीता छेत्री सिर्फ एक बच्ची नहीं, हर उस सपने की मिसाल है जो बुन तो लिए जाते हैं पर उड़ नहीं पाते।
उसने हमें दिखाया है कि जब हम किसी बच्चे पर विश्वास करते हैं, तो वह पूरी दुनिया को बदल सकता है।
अगर ये कहानी आपके दिल को छू गई हो, तो इसे जरूर साझा करें — क्योंकि प्रेरणा जितनी फैलती है, उतनी ही शक्तिशाली बनती है।