सोमवार 13 2020

एन आर सी बिल क्या है ?

What is National Register of Citizens (NRC) 




आज हम आपको बिल्कुल साधारण भाषा में समझाने  की कोशिश करेंगे वास्तव में एन आर सी बिल है क्या आइए जानते हैं 




NRC 

बिल् एक ऐसा नागरिक रजिस्टर है जिसमें देश के सभी नागरिकों की पहचान रखी जाती है यह  रजिस्टर यह साबित करता है की देश में रहने वाला व्यक्ति उस देश का नागरिक है या नहीं इसकामकसद सिर्फ इतना होता है की अपने देश के नागरिकों की पहचान हो सके और इसमें अवैध रूपसे आने वाले व्यक्तियों को उनके संबंधित देश में वापस भेजा जा सके 

साफ-साफ कहे तो इसका मकसद घुसपैठियों को बाहर निकालना है बताते चलें की एनआरसी बिल अभी केवल असम में लागू हो पाया है वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि भविष्य में इसे पूरे देश में लागू करना है साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा साफ कर दिया गयाहै कि इस पूरी प्रक्रिया में किसी भी विशेष धर्म को लक्षित नहीं किया गया है । यह कानून सभीधर्मों पर समान रूप से लागू होते हैं

एन आर सी बिल का इतिहास एवं आवश्यकता  

 (HISTORY OF NRC BILL )

From Bharattop.com

सन 1971 में जब पाकिस्तान बांग्लादेश अत्याचार कर रहा था उस वक्त बांग्लादेश से बहुत सारे प्रवासी जान  बचाने के लिए बांग्लादेश छोड़कर भारत में घुसने लगे धीरेधीरे लाखों प्रवासी भारत में अवैध तरीके से रहने लगे जिसका नतीजा यह हुआ कि हर तरफ अनाज की समस्या होने लगी और साथ ही साथ बहुत सारी और अन्य  प्रकार की समस्याएं होने लगी फिर भी प्रवासी पाकिस्तान की अत्याचारों से बचने के लिए भारत आते रहे तभी  तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसकी पूरी जानकारी  ली और यह फैसला लिया की इसका कोई न कोई  स्थाई हल निकालना पड़ेगा ।


Bangladeshi Refugees 1971 (Photo Credits: Alan Leather)

एकविदेशी पत्रकार के पूछे जाने पर की अब आप लाखों अवैध प्रवासियों का  क्या करेंगी इतने  दिनों तक उन्हें अपने देश में रहने देंगी, तब  तत्कालीन  प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जवाब  इस प्रकार था:-

“हम तो उन्हें अभी ही नहीं रख सकते हैं कुछ महीनों में पानी सचमुच सर से ऊपर चला गया है हमें  कुछ करना पड़ेगा एक चीज जरूर कहूंगी मैंने यह तय किया है कि सभी धर्मों के रिफ्यूजीओं को हर 
हाल में  जाना होगा उन्हें  हम अपनी आबादी में नहीं  मिलाने वाले हैं”


From The Hindu
 Indira Gandhi and Sheikh Mujibur Rahman signing the treaty of friendship, cooperation and peace in Dacca on March 2, 1972. Photo: The Hindu Photo Archives  

यहीं से शुरू होता है एनआरसी जैसी बिल की शुरुआत और आज NRC एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है परंतु  भारत के कुछ विद्वानों ने अपने अपने तर्क केअनुसार विरोध जताया है तो वहीं कुछ विद्वानों ने एनआरसी बिल का पुरजोर समर्थन किया है ।

Image by Harish


परंतु विरोध की असली वजह एनआरसी बिल नहीं Citizenship Amendment Bill (CAB) है, अब यहांझगड़े की असली वजह कैब के बारे में भी जानना जरूरी है तो आइए Citizenship Amendment Bill (CAB) के बारे में जानते हैं ।



Photo: PTI
           Photo: PTI

 नागरिकता संशोधन बिल सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल

(Citizenship Amendment Bill (CAB)

 एक तरह से यह समझा जा सकता है कि नागरिकता संशोधन बिल एनआरसी का ही सुधरा हुआ रूप है एनआरसी में अपनी-अपनी  नागरिकता साबित करने के  लिए असम के 3.29 करोड़ लोगों ने एनआरसी में आवेदन किया था परंतु बाद में यह पाया गया कि सिर्फ  2.89 करोड़ लोगों  के आवेदन स्वीकार किए गए । जिनका नाम इस लिस्ट में नहीं है उन्हें अवैध माना गया है परंतु जिन लोगों का आवेदन स्वीकार किया गया है एक और मौका दिया गया है अपनी नागरिकता साबित करने का ।


पिछले दिनों एनआरसी की प्रक्रिया शुरू की गई जिसमें अपने आप को भारत  की नागरिकता साबित करनी होगी विभिन्न वर्गों में अवैध  प्रवासियों को क्या देने की पात्रता दी जाएगी ।

सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल के अनुसार पाकिस्तान बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए व्यक्तियों जो कि मार्मिक उत्पीड़न के शिकार हुए हिंदू, सिख, इसाई, जैन, और पारसी धर्म के लोगों को नागरिकता देना है ।  मुस्लिम छोड़ सभी धर्मों के प्रवासियों  को शामिल करने की बात कही गई है ।  यही वजह है कि NRC को मुस्लिम विरोधी बिल बताया गया है क्योंकि इसमें  मुस्लिम  वर्ग को शामिल नहीं किया गया  है ।

एनआरसी में नागरिकता साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज

एनआरसी में आने के लिए आपके पास 10 में से कोई भी एक दस्तावेज होना जरूरी है। आपके यह दस्तावेज साबित करेंगे कि आप भारत के नागरिक हैं या नहीं । विभिन्न अनुच्छेदों के माध्यम से परिभाषित किया गया है  । 

इन अनुच्छेदों में समय-समय पर संशोधन भी हुए हैं संविधान अनुच्छेद 5 से लेकर 11 तक नागरिकता को परिभाषित करता है । इसमें अनुच्छेद 5 से लेकर 10 तक नागरिक पात्रता के बारे में  बताया गया है । वहीं अनुच्छेद 11 में  नागरिकता मसले पर संसद को कानून बनाने का अधिकार प्रदान करता है । नागरिकता संशोधन में अब तक 1996, 2003, 2005, व 2015 कुल 5 बार संशोधन किए जा चुके हैं ।



                   Indiatommorow.net


नागरिकता साबित करने के लिए आपके पास जो  दस्तावेज होने चाहिए इस प्रकार है:- 

1.       राज्य के बाहर जारी किया गया स्थाई निवास प्रमाण  पत्र
2.       भारत सरकार की ओर से जारी किया गया पासपोर्ट
3.       किसी भी प्राधिकरण द्वारा जारी  लाइसेंस या प्रमाण पत्र
4.       जमीन के दस्तावेज जैसे बैनामा, भूमि के मालिकाना हक का दस्तावेज
5.       सरकार या सरकारी उपक्रम के तहत से वाया नियुक्ति को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज
6.       बैंक अथवा डाकघर में खाता
7.       सक्षम प्राधिकार की ओर से किया गया जन्म प्रमाण पत्र
8.       बोर्ड या विश्वविद्यालयों द्वारा जारी किया  गया  शिक्षण प्रमाण पत्र
9.       न्याय किया राजस्व अदालत की सुनवाई से जुड़ा दस्तावेज
10.    रिफ्यूजी रजिस्ट्रेशन  प्रमाण पत्र


एनआरसी में शामिल न होने वाले लोगों का क्या होगा ?


जो भी व्यक्ति नागरिकता संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं तो  उन्हें डिटेंशन सेंटर ले जाया जाएगा । इसके बाद भारतीय सरकार द्वारा अवैध रूप से रह रहे व्यक्तियों के संबंधित देश से  संपर्क किया जाएगा, अगर वह देश उन व्यक्तियों को स्वीकार करते हैं  तो उन्हें उन देशों को भेज दिया जाएगा  जहां से   वे आए हैं, अन्यथा सेंटर में ही रहना होगा ।

एनआरसी के कुछ अन्य बाते

  1. एनआरसी का मुख्य उद्देश्य अवैध प्रवासियों को उनके देश में  भेजना होता है ।  अमेरिका जैसे देश में अवैध प्रवासियों को लेकर कठोर कानून बनाए गए हैं ।
  2. कहा जाए तो इसे धार्मिक मुद्दा बनाकर ज्यादातर राजनैतिक फायदा उठाया जा रहा है।
  3. असम के नागरिक के रूप में 40. 07 लाख लोगों के नाम एनआरसी बिल में नहीं पाए गए हैं
  4. सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल  इस कानून के तहत समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता नहीं दी जाएगी क्योंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश मुस्लिम बाहुल्य देश है वर्तमान सरकार मोदी सरकार का यह तर्क है कि तीनों देशों में मुस्लिम की बहुलता है ।  इसलिए बहुलता के चलते इन तीनों देशों में धार्मिक आधार पर किसी भी मुस्लिम का नहीं हो सकता ।
  5. सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल 2019 के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में रहने वाले हिंदू, बौद्ध, जैन पारसी और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान है ।















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