बुधवार 22 2020

नागरिकता संशोधन अधिनियम: 

(CAA: Citizenship Amendment Act)


भारत सरकार द्वारा निर्मित  वर्ष 1955 के कानून को संशोधित करके एक ऐसा कानून बनाया गया है I  जिसमे 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये हुए विभिन्न धर्मो के लोगों को (जैसे हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई) नागरिकता  देना है I 

जो धार्मिक अत्याचार से प्रताड़ित होने के कारण भारत में अवैध तरीके से रह रहे है I इसमें एक शर्त थी की जो 11वर्ष तक भारत में रहे हैं सिर्फ उन्हीं को नागरिकता मिलेगी I परन्तु इसमें छूट देते हुए इस शर्त को 11 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दिया है I


अब इसमें सबसे बड़ा बवाल क्यों है

इस अधिनियम में सभी धर्मो के लोगो को नागरिकता देने की बात तो कही गयी I परन्तु इस अधिनियम में मुस्लिम समुदाय को नजरअंदाज किया गया है

इसके तर्क में माजूदा सरकार द्वारा ये कहा गया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान एक मुस्लिम बहुल वाला देश है इसलिए यहाँ मुस्लिम उत्पीड़न होना असम्भव है I

 यह अधिनियम 11 दिसंबर 2019 को भारतीय संसद द्वारा पास कर दिया गया I इसमें कुल 125 मत पक्ष थे तो वहीं 105 पक्ष विरोध में थे I और अंत में भारतीय राष्ट्रपति द्वारा 12 दिसंबर को इस बिल को मंजूर भी कर लिया गया I


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